पहाड़ों के सारे धूंआसे को झाड देती है
जब निकलती है चोटियों से होकर
किसी नदी और पहाड़ के जैसा है
तेरा मेरा साथ
सूने खड़े बरगद को गुलजार कर देती है
जब होता हैं उसकी शाखाओं पर कलरव
किसी बरगद और पंछी के जैसा है
तेरा मेरा साथ
किसी सूखे सहरा को हरा भरा कर देती है
जब बरसती है घटा कहीं से आकर उसपर
किसी बादल और हवा के जैसा है
तेरा मेरा साथ
क्या ये संभव है की बादल हवा को छोड़ दे ?
जब निकलती है चोटियों से होकर
किसी नदी और पहाड़ के जैसा है
तेरा मेरा साथ
सूने खड़े बरगद को गुलजार कर देती है
जब होता हैं उसकी शाखाओं पर कलरव
किसी बरगद और पंछी के जैसा है
तेरा मेरा साथ
किसी सूखे सहरा को हरा भरा कर देती है
जब बरसती है घटा कहीं से आकर उसपर
किसी बादल और हवा के जैसा है
तेरा मेरा साथ
क्या ये संभव है की पहाड़ नदी को छोड़ दे ?
क्या ये संबव है की बरगद पंछी को छोड़ दे ?क्या ये संभव है की बादल हवा को छोड़ दे ?
वादों से नहीं इरादों से बना है मेरी हमनफस
तेरा मेरा साथ ...!!
#SMARTY