Sunday, September 27, 2015

तेरा मेरा "साथ"



पहाड़ों के सारे धूंआसे को झाड देती है
जब निकलती है चोटियों से होकर
किसी नदी और पहाड़ के जैसा है
तेरा मेरा साथ

सूने खड़े बरगद को गुलजार कर देती है
जब होता हैं उसकी शाखाओं पर कलरव
किसी बरगद और पंछी के जैसा है
तेरा मेरा साथ

किसी सूखे सहरा को हरा भरा कर देती है
जब बरसती है घटा कहीं से आकर उसपर
किसी बादल और हवा के जैसा है
तेरा मेरा साथ


क्या ये संभव है की पहाड़ नदी को छोड़ दे ?
क्या ये संबव है की बरगद पंछी को छोड़ दे ?
क्या ये संभव है की बादल हवा को छोड़ दे ?

वादों से नहीं इरादों से बना है मेरी हमनफस
तेरा मेरा साथ ...!!

#SMARTY





Friday, June 19, 2015

सावन की बरसात


एक अजीब सा अहसास हो रहा है
खिड़की से आती पानी की
इन बूंदों की आवाज में,
मुझे तुम सुनाई दे रही हो
एकरस बरसती इस बरसात में
कल तेरे जाने के बाद से सुन रहा हूँ
कितनी मिलती सी आवाज है
तेरी और एक लय में बरस रही
सावन की इस बरसात की, ,,,!!

कल शाम लौटते हुए मैं जान कर भीगा
मेरे पूरे बदन से जैसे, लिपट सी गयी थी
बारीश की ये बूँदें ,
मुझे लगा मानो
तुम लिपट रही हो मेरे सीने से
ठंडी हवाओं से बचकर नरमी पाने को
कितना मिलता सा अहसास है
तेरा और बरसात की इन बूंदों का..!!

कितना मिलती-जुलती फितरत है
तेरी और इस कारी बदली की,
ये भी तेरी ही तरह आती है
और आकर चली जाती है
उत्तर से आती कारी बदली को
अपनी अदा में बरस कर जाते देख
मुझे तेरा आना
आकर मेरे सूखे पड़े दिल को
अपने प्यार के रंग में भिगोकर
जाना याद आ गया !!

 

 #SMARTY 

Saturday, February 14, 2015

मेरी प्रिया


मैं कब ऐसा था जैसा मैं हूँ
मैंने शून्य को एक बनाने में
अपना दिन गुजार दिया था
पिछली फरवरी मुझे याद है,
जब आया था वेलेनटाइन डे
प्यार का एक दिन ही नहीं
सप्ताह होता है पूरा मनाने को
ये बेसिक सा ज्ञान कहाँ था मुझे
कहाँ था मेरे दिल में अहसास
जो मुझे यूँ महसूस कराता के
प्यार कहीं कुछ पाने में नहीं
बेचैन तड़पते दिल को चैन
किसी की आँखों की चमक और
आवाज से छलकती ख़ुशी को
हलके से सुनने से आता है
प्यार करने वाले इस सप्ताह
की अहमियत मैं एक बरस
प्यार कर के समझ पाया हूँ
अब मुझे आभास है,प्यार में
पाने की चाहत में अक्सर लोग
खोने के डर से तड़प रहे होते हैं
किसी के न होने से जीवन में
किसी के हो कर दूर जाने का
ये जो मार्मिक प्रेममय डर है
इसे सिर्फ प्यार देकर ही
दिल से हटाया जा सकता है
कहाँ था मैं इस कदर प्रेमी
जितना हूँ इस फरवरी में
तुम्हारे प्यार में मेरी "प्रिया "
मैंने मुझी को ढलते देखा है
मैं कब ऐसा था जैसा मैं हूँ


#स्मार्टी 

Sunday, November 2, 2014

तारीफ़-नामा

तुलना तेरे रूप की मैं
करने को हजारों कर दूँ
जहाँ की खूबसूरती से पर
अपनी नजर से देखा मैंने

रेशमी लहराती जुल्फों के बीच
लाल गहराई सी बिंदिया
तेरे माथे पे दिखी और लगा
जैसे जीवन का सारा सम्मोहन
उसी में बना हुआ है !

गजब का जीवन संगीत है
तेरी बोलती आँखों में
बसंती बयार सी लगी तुम
जब देखा तुझे पीले भेष में

सुर्ख गुलाबी कपोलों तक
लाल मुस्काते अधरों से जो ये
मुस्कान बैठी है ना ,बस उसी में
जैसे मेरी जान बसती है

अपने सीने पे उतरते इस
हरे से पत्थर को पूछना,
कितना मोल उसका बढ़ा होगा
जब वो उतरा होगा मोतियों के सहारे
तेरे खूबसूरत गले को चूम के

यूँ श्रृंगार से बदन चमकते हैं
पर श्रृंगार चमक रहा है तेरी
बल खाती सोन-मछली जैसी
गोरी -केसरी दमक से .

बेचैन दिल तसल्ली पाता है जब
देखता हूँ अपनी ज़िन्दगी को
यूँ दिल में  रंग बिखेरते हुए
अच्छा लगा इतना की
बस लिख दिया ज़िन्दगी को
दिल से निकला ये  "तारीफ़नामा

#Smarty






Sunday, September 7, 2014

जिंदगीनामा ...!!

आज मैंने मायूस बातें करती
ज़िन्दगी को खुद से लड़ते देखा
हताश और कुछ निराश  सी
बोझिल,बेबस टूटती आस सी
हर नफस का साथ छोड़ती सी
हर बंधन ओ 'रिवाज को तोड़ती सी
व्यर्थ से लगने वाले खुद के जीवन
बदल चुके मन को मोड़ती सी

देख के मेरे मन में अनायास ही आया
ऐसा भी क्या है जो तू हार जाये
रहा होगा कल आज से हंसी तेरा
गुजरा होगा कुछ समय जीवन का
बदरंग,नीरस और लाचार सा तेरा
फूलों के साथ भी रहते कांटे जहाँ में
अपनी फितरत से तू चाहे अगर
आने वाले हर कल को संवार लाये 

शायद दिल की बात उसने समझ ली 
अचानक मुस्कान चेहरे पे लौट आई
फितरत को सँभालते हुए ज़िन्दगी
निराशाओं के गले को घोंट आई
शाम ढले जब फिजा बदली शहर में
खत्म हो गया वो बुरा सा सपना
जो देखा था आज भरी दोपहर में
ज़िन्दगी जीती दिखी मतलबी जहाँ में
बामतलब ,हंसती ,खिलखिलाती सी
नाचते-कूदते बच्चों में बच्ची सी 
आज लगी मुझे ज़िन्दगी लौटती सी  


#Smarty