Saturday, February 14, 2015

मेरी प्रिया


मैं कब ऐसा था जैसा मैं हूँ
मैंने शून्य को एक बनाने में
अपना दिन गुजार दिया था
पिछली फरवरी मुझे याद है,
जब आया था वेलेनटाइन डे
प्यार का एक दिन ही नहीं
सप्ताह होता है पूरा मनाने को
ये बेसिक सा ज्ञान कहाँ था मुझे
कहाँ था मेरे दिल में अहसास
जो मुझे यूँ महसूस कराता के
प्यार कहीं कुछ पाने में नहीं
बेचैन तड़पते दिल को चैन
किसी की आँखों की चमक और
आवाज से छलकती ख़ुशी को
हलके से सुनने से आता है
प्यार करने वाले इस सप्ताह
की अहमियत मैं एक बरस
प्यार कर के समझ पाया हूँ
अब मुझे आभास है,प्यार में
पाने की चाहत में अक्सर लोग
खोने के डर से तड़प रहे होते हैं
किसी के न होने से जीवन में
किसी के हो कर दूर जाने का
ये जो मार्मिक प्रेममय डर है
इसे सिर्फ प्यार देकर ही
दिल से हटाया जा सकता है
कहाँ था मैं इस कदर प्रेमी
जितना हूँ इस फरवरी में
तुम्हारे प्यार में मेरी "प्रिया "
मैंने मुझी को ढलते देखा है
मैं कब ऐसा था जैसा मैं हूँ


#स्मार्टी 

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